ना भाषा वाक्य
उच्चारण: [ naa bhaasaa ]
उदाहरण वाक्य
- जिनमे ना भाषा ना सद्भाना का भार है ।
- ना अनुभव ना श्रेष्टता ना भाषा इससमे काम आए,
- की समझ और ना भाषा के
- ना भाषा का पता ना शब्दों के इस्तेमाल का ज्ञा न..
- ना भाषा के पैमाने पर न उस स्थानिकता के पैमाने पर जिसका ज़िक्र आपने किया है।
- इसी तरह तेलुगु के अभ्युदय कवि दाशरथी कृष्णमाचार्य भी कहते हैं कि ” मंचि कवित्वम् ए भाषलो उँटे अदि ना भाषा / मंचि कवि एवरैते अतडु ना मित्रुडु।
- इसकी अपनी आन बान है जगमग करता संविधान है सपनों सी है देवनागरी, निंदिया में भी धान पान है इसको बेचो नहीं, की अपना नाम धराओ ना भाषा के भविष्य को लेकर हमें डराओ ना ….
- हर पल है कोशिश मेरी, जीवन से कुछ सीख पाऊं, हर व्यक्ति की अचाई को, मैं अपने में बसा जाऊं, ना भाषा का ज्ञान मुझे, ना साहित्य पड़ा मैंने, मन में मेरे जो भी आए, बस वोही मैं लिखता जाऊं, मुझको समझेंगे लोग मेरे मरने के बाद, अभी कद्र नहीं इन्हें मेरी बातों की, कुछ ऐसे लिखकर कविताएँ, मैं अपनी यादों को छोड़ जाना चाहता हूँ...
- जब निर्झर पर्वत से गिरता, नीचे आ धरती से मिलता, है खडा एक वृक्ष देवदार, अपनी ही मस्ती में हिलता, आती फिर हंसों की टोली, एक ही भाषा सभी ने बोली, और कहते इंसानों से, क्यों चलती भाषा पर गोली, ये झरना ठंडा पानी देता, बदले में कुछ भी नहीं लेता, जाति धर्म ना भाषा पूछे, ना खुशी ना किसी से रूठे, इंसानों की तरह यह निर्झर.
- कुछ रिश्तो में अजीब सी घुटन साथ रहकर भी कोसों की दूरी ऐसा जैसे नदी के दो किनारे साथ-साथ चलतें हैं, मिलने को तरसते हैं निभाते हैं ऐसे सजा हो जैसे प्यार, विश्वास, ममता नही खून के रिश्ते बेमानी से लगते हैं लेकिन कुछ रिश्ते जीवन में खुशियां भरते हैं ना खून का रिश्ता, ना भाषा का ना धर्म एक, ना रीत-रिवाज फिर भी उनका साथ कितना शुकून देता है जहां सारे रिश्ते बैमानी लागतें है वहीं कुछ रिश्ते..............
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